14 भारतीय बाघ अभयारण्य (TIGER RESERVES) को बाघों के बेहतर संरक्षण के लिये अंतरराष्ट्रीय केट्स (CA|TS) दर्जा मिला ! अंतरराष्टी्रय बाघ दिवस (International Tiger Day)

 14 भारतीय बाघ अभयारण्य (TIGER RESERVES) को बाघों के बेहतर संरक्षण के लिये अंतरराष्ट्रीय केट्स (CA|TS) दर्जा मिला ! अंतरराष्टी्रय बाघ दिवस (International Tiger Day)

नई दिल्ली | 29 जुलाई, 2021 को अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस (International Tiger Day) के मौके पर 14 भारतीय बाघ अभयारण्यों (Tiger Reserves

) को बेहतर बाघ संरक्षण और रखरखाव के लिये केट्स (कजंरवेशन एश्योर्ड टाइगर स्टैंडर्ड) का दर्जा मिला, जिसका अर्थ है कि चयनित टाईगर रिजर्वों (Tiger Reserves

) ने बाघों (tigers) एंव उनके प्राकृतिक आवास (जंगलों) को

संरक्षण देने के लिये तय मानकों पर सर्वश्रेष्ठ किया है। केट्स {Conservation Assured Tiger

Standards (CA|TS)

} ( का दर्जा मिलने के बाद, भारत के 14 टाइगर सेंचुरियों (tiger

Reserves) को भी विश्व के सर्वश्रेष्ठ टाइगर रिजर्व में गिना जायेगा, क्योंकि इससे पहले केट्स का

प्रमाण पत्र केवल विश्व के तीन बाघ अभयारण्यों (Tiger Reserves

) को ही प्राप्त थी, जो

निम्नप्रकार है :-

1.चितवन पार्क, नेपाल

2.सिखोते-एलन नेचर रिजर्व, रूस

3. टाईगर रिजर्व, भूटान

CA|TS-Ranthambore

केट्स (कंजरवेशन एश्योर्ड टाइगर स्टैंडर्ड)

CA|TS (Conservation Assured Tiger Standards )

केट्स (Conservation Assured Tiger Standards ) मानकों या मानदण्डों का एक समूह है, जों बाघों (tigers) के प्राकृतिक आवास को जांचने की अनुमति देता है कि क्या उनके प्रबंघन से टाईगरों का सफल संरक्षण सम्भव होगा।

केट्स को बाघ और संरक्षित क्षेत्र (प्राकृतिक आवास) के विशेषज्ञों द्वारा विकसित किया गया था, जिसे अधिकृत रूप से 2013 में प्रारभ्भ किया गया था। इसका मुख्य वैष्विक उद्देष्य वर्ष 2022 तक जंगलों में बाघों की संख्या को दोगुना करना है, एंव केट्स का दूसरा दीर्घकालिक लक्ष्य बाघों के लिये सुरक्षित एंव पर्याप्त प्राकृतिक आवास सुनिश्चत करना है।

13 बाघ वाले देशों में से नेपाल, भारत, बांग्लादेश, रूस और भूटान ने केट्स (CA|TS) को अपने यहां पंजीकृत कर लिया है, और इन पंजीकृत देशों की बाघ साइटों पर केट्स को क्रियान्वित किया जा रहा है। जबकि दूसरे देशों जैसे इंडोनेशिया, थाईलैंड, मलेशिया और चीन के साथ बातचीत जारी है।

वर्तमान में, गैर सरकारी संस्था वर्ल्ड वाइड फंड, इंडिया के मुताबिक केट्स (CA|TS) को बाघों की आबादी वाले सात देशों में 125 स्थानों (बाघ साइटों) पर क्रियान्वित किया जा रहा है। भारत में सबसे अधिक 94 बाघ साइट हैं, जिनमें से 20 बा्रघ अभयारण्यों का आंकलन इसी वर्ष पूरा हो गया है।

भारत के 14 टाइगर रिजर्व जिन्हें केट्स की प्रतिष्ठित वैश्विक मान्यता प्राप्त हुई है, वे निम्नप्रकार हैं :-

1. मानस टाइगर रिजर्व, असम

2. काजीरंगा टाइगर रिजर्व, असम

3. ओरांग टाइगर रिजर्व, असम

4. सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, मध्य प्रदेश

5. कान्हा टाइगर रिजर्व, मध्य प्रदेश

6. पन्ना टाइगर रिजर्व, मध्य प्रदेश

7. मुदुमलाई टाइगर रिजर्व, तमिलनाड

8. अनामलाई टाइगर रिजर्व, तमिलनाड

9. पेंच टाइगर रिजर्व, महाराष्ट्र

10. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व, बिहार

11. दुधवा टाइगर रिजर्व, उत्तर प्रदेश

12. परमबीकुलम टाइगर रिजर्व, केरल

13. बांदीपुर टाइगर रिजर्व, कर्नाटक

14. सुंदरवन टाइगर रिजर्व, पश्चिम बंगाल

सेंट पीटर्सबर्ग घोषणा (Saint Petersburg Declaration

)

साल 2010 तक, बाघों की संख्या में तेजी से गिरावट आयी और पूरे विश्व में बाघों की संख्या मात्र 3000 के आस-पास ही रह गयी थी। ऐसी स्थिति में, वर्ष 2010 में रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में एक बाघ शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया था, जिसमें सभी 13 बाघ क्षेत्र वाले देशों के शासनध्यक्षों ने एकजुट होकर साल 2022 तक अपनी सीमा में बाघों की संख्या दो गुना करने का संकल्प भी लिया गया था।

साल 2010 में, भारत में 1,706 बाघ थे। राष्ट्रीय बाघ प्राधिकरण के अनुसार, 2018 तक वे दोगुने से अधिक 2,967 हो गये।

ध्यान रहे, भारत ने सेंट पीटर्सबर्ग घोषणा के लक्ष्य को वर्ष 2018 में 2967 बाघों की संख्या के साथ ही प्राप्त कर लिया था।

भारत देश में 51 टाइगर रिजर्व है, जो 18 राज्यों में फैले हुए है।

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