बाघिन नूरी (Noori) अपने तीन नये शावकों (tiger cubs) के साथ नजर आयी : रणथंभौर नेशनल पार्क

बाघिन नूरी (Noori) अपने तीन नये शावकों (tiger cubs)  के साथ नजर आयी : रणथंभौर नेशनल पार्क

(Photo Courtesy- Forest Department)


रणथंभौर : 2 सितम्बर 2021।

बुधवार, 1 सितम्बर 2021, राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में स्थित रणथंभौर नेशनल पार्क में वन विभाग के फोटो ट्रैप कैमरे में एक बाघिन अपने तीन नये शावकों के साथ नजर आयी। वन विभाग के मुताबिक, माँ बाघिन की पहचान T-105 के रूप में हुई, जो रणथंभौर में नूरी के नाम से प्रसिद्ध है, जो जोन नम्बर एक में तीन नन्हें शावकों के साथ कैमरे में कैद हुई। बाघिन नूरी का यह पहला प्रसव है। शावकों (tiger cubs) की उम्र चार महीने के आस-पास बताइ जा रही है।

T-105 with her new born tiger cubs

नये शावकों की शुभ खबर आते ही रणथंभौर बाघ परियोजना के उप वन संरक्षक ने बाघिन के इलाके की मॉनिटरिंग बढ़ा दी, जिससे बाघिन और शावकों की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके।

बाघिन, नूरी उर्फ 105 पहली बार माँ बनी

बाघिन नूरी उर्फ टी-105 रणथंभौर की एक युवा


और खूबसूरत बाघिन है, जिसका विचरण क्षेत्र, जोन नम्बर एक और दो है। जिसकी उम्र लगभग पांच साल प्लस की है। माँ, बाघिन, T-105 पार्क में पहली बार 8 नवम्बर 2016 को जोन एक में दिखाई दी, जो बाघिन नूर (T-39) के चौथे प्रसव की संतान है। इस चौथे प्रसव में, बाघिन, नूर (T-39) ुने तीन मादा शावकों को जन्म दिया, जो वयस्क हो कर नूरी (T-105) ,सुल्ताना(T-107) के नाम से जाने जाते हैं, जबकि बाघिन T-106 को मुकंदरा हिल टाईगर रिजर्व शिफ्ट कर दिया, जहां उसकी मौत हो गयी ।

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रणथंभौर नेशनल पार्क

रणथंभौर नेशनल पार्क 70 से ज्यादा बाघों का घर है, जो 1955 में सवाई माधोपुर वन्यजीव अभयारण्य बना। सन 1973 में, पार्क को प्रोजेक्ट टाईगर घोषित किया गया और 1980 में, इसे नेशनल पार्क का दर्जा हासिल हुआ।

इससे पहले रणथम्भौर में बाघिन T-84 उर्फ ऐरोहेड जोन-3 और T-111 उर्फ वाव् जोन नंबर चार में अपने-2 नये शावकों के साथ नजर आयी थी।

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