रणथम्भौर, नेशनल पार्क एक बार फिर से पर्यटकों के लिए खोला गया, जो कोरोना की दूसरी लहर के कहर के चलते 17 अप्रेल से बन्द, था। पर्यटन से जुड़े सभी महानुभावों ने इस निणर्य का खुशी से स्वागत, किया। चूंकि पहले दिन पर्यटकों की आवक बहुत कम थी। वन्य विभाग के अनुसार, केवल 22 पर्यटक ही जंगल भ्रमण के लिए आए, जिनको, शाम की पारी में तीन जिप्सी व एक कैंटर से पार्क भ्रमण कराया गया। कोरोना की गाइडलाइन के अनुसार, सोशल डिस्टेंसिंग की पालना को सुनिश्चित करने के लिए जिप्सी में सिर्फ चार व कैंटर में दस ही पर्यटकों पार्क भ्रमण पर भेजा गया।
ऑफ लाइन बुकिंग सिस्टमसाधारण तय, रणथम्भौर में टिकटों की बुकिंग ऑनलाइन सिस्टम द्धारा की जाती है, लेकिन अभी तक डीओआइटी की साइट व सॉफ्वेयर के शुरू नहीं होने के कारण, वन विभाग की ओर से शुक्रवार को ऑफ लाइन ही टिकट जारी किए गए। हांलाकि वन विभाग की ओर डीओआइटी को जल्दी ही साइट शुरू करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
टाइगर साइटिंग अपडेटलॉकडाउन के बाद, पहली बार सफारी पर गए पर्यटकों को बाघ-बाघिनों ने भी निराश नहीं किया। शाम की पारी में भ्रमण पर गए पर्यटकों ने, रणथम्भौर रोड़ पर बाघ देखा, जो एक पहाड़ी पर आराम कर रहा था। जोन नम्बर तीन पे गए, पर्यटकों ने एक युवा बाघिन को देखा, जो राजबाग लेक में पानी में बैठी थी।
रणथम्भौर नेशलन पार्क के आंकडेहर साल करीब 4 लाख से ज्यादा देशी पर्यटक और 1.5 लाख विदेशी पर्यटक रणथम्भौर घूमने आते हैं।
रणथम्भौर की सालाना आय 38 करोड़ से अधिक है।
रणथम्भौर 400 करोड़ की पर्यटन इंडस्ट्री मानी जाती है।
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